जिला अस्पताल में सुविधाओं के बावजूद भी मरीज को उपलब्ध नहीं कराई गयी व्हील चेयर


फर्श पर खिचड़कर हड्डी विशेषज्ञ के पास जाने को मजबूर हुआ मरीज
जिला अस्पताल में दिखा अमानवीय चेहरा,किसी ने कोई मदद नहंी की



 


 



दर्पण टाइम्स ब्यूरो
बुलन्दशहर।सरकारें भले ही रोगियों के इलाज और उनके लिए चिकित्सा सेवाएं सुलभ कराने पर करोडों रूपये खर्च कर रही हों, मगर जिला अस्पताल में तमाम स्वास्थ्य सेवाएं होने के बावजूद भी रोगियों को समय पर सुविधाएं नहीं मिल रही है।यहां तक कि आलम यह है कि हड्डी टूटने के बावजूद लाचार रोगी को व्हील चेयर तक नहीं मिली।ऐसे में लाचार मरीज जमीन में रगड़कर चलने को मजबूर है।उधर उक्त प्रकरण मंे सीएमओ का दावा है कि सीएमएस को ओपीडी में एक कर्मवारी की तैनाती व्हीलचेयर के साथ करने के निर्देश दिये है।
बता दें कि जिला बुलन्दशहर के बाबू बनारसी दास राजकीय अस्पताल अर्थात जिला अस्पताल में गांव पवसरा निवासी रणवीर सिंह को जमीन पर सिर्फ इसीलिए रगड़कर चलना पड़ रहा है ,क्योंकि रणवीर को समय रहते व्हीलचेयर नहीं मिली।रणवीर के परिजनों की मांनंे तो उसके पैर में चोट लगने के कारण जब वह ओपीडी में डॉक्टर के पास गये तो उन्हांेने हड्डी विशेषज्ञ के पास भेज दिया,इसके बाद वह मजबूरन जमीन में खिचड़ते हुए वहां पहुंचा, मगर हड्डी विशेषज्ञ ने एक्सरा कराने को कहा,मगर चिकित्सक ने पीडि़त को कोई दवा नहीं लिखी,जबकि पीडि़त चिकित्सक क समक्ष काफी देर तक गिड़गिड़ाता रहा,मगर चिकित्सक का दिल नहीं पसीजा।अब इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिस जिला अस्पताल में स्ट्रेचर ,व्हीलचेयर के साथ साथ और अधिक सुविधायें भी है ,मगर समय पर रोगी को कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गयी।इससे साफ जाहिर है कि ऐसी स्वास्थ सेवाएं किस काम की,जो समय पर रोगियों को लाभ न पहंुचा सके।मामले को लेकर जब सीएमओ से बातचीत की गयी तो उनका दावा है कि जिला अस्पताल में व्हीलचंेयर भी है, ओपीडी के बाद रोगी बिना बताये जमीन में रगड़कर चलने लगता है, तो इसमें चिकित्सक की क्या गलती है।इसके बाद सीएमओ तिवारी ने सीएमएस को ओपीडी में एक कर्मचारी की व्हीलचेयर के साथ तैनाती करने के निर्देश दिये हैं।
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