मां-बाप की मजबूरी बनीं दो बहनें, जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई


प्रशासन की ओर से नगर मजिस्टेªट ने दोनों बहनों के इलाज की जिम्मेदार ली



 



दर्पण टाइम्स ब्यूरो
बुलन्दशहर।गांव अकबरपुर में मानसिक रूप से विकलांग दो बहनों को संकलो से बांधकर रखने का मामला प्रकाश में आया है।परिजनों ने कई बार प्रशासनिक अधिकारियों से उनके इलाज हेतु गुहार भी लगाई, लेकिन इस पर किसी अधिकारी ने कोई ध्यान नहीं दिया।वहीं अब सिटी मजिस्ट्रेट के प्रयासों के बाद दोनों बहनों को इलाज के लिए आगरा भेजे जाने की तैयारी की गयी है।
जनपद के गांव अकबरपुर में वर्षों से दो सगी बहनों को रस्सियों व संकलों से बांध कर रखा जाता है।बताया गया कि दोनों बहनों का मानसिक तौर पर विकास नहीं हो सका है,इससे इनके माता-पिता को काफी परेशानी होती है। गरीबी की मार झेल रहे इन बहनों के माता-पिता ने जिले के अफसरों को अपनी मजबूरी बताई तो पूर्व में किसी भी अधिकारी ने उनकी एक न सुनी।मगर अब परिजनों ने अपनी मजबूरी अफसरो को बताई तो अब नगर मजिस्ट्रेट ने इन दो बहनों को बेबसी की कैद से आजाद कराकर इलाज कराने की तैयारी शुरू कर दी है।अब दोनों बहनों को आगरा भेजने की तैयारी की जा रही है।जिला प्रशासन ने परिजनो को मदद का आश्वासन दिया हैै।
बता दें कि गांव अकबरपुर निवासी नफीस और उनकी पत्नी अपनी दोनों बच्चियों को लेकर काफी समय से परेशान थे। आलम यह था कि अगर इन बहनों को बांधकर न रखा जाए तो ये बच्चियां कई बार रास्ते में दुर्घटनाग्रस्त भी हो चुकी थीं। बताया जा रहा है कि दोनों का दिमाग अभी तक विकसित नहीं हुआ है। नफीस का कहना है कि उनके चार बेटे हैं, जिनमें से तीन बेटों की शादी हो चुकी है, लेकिन उनके बेटे शादी के बाद घर छोड़कर चले गए क्योंकि मानसिक तौर पर कमजोर अपनी बहनों की जिम्मेदारी उठाना नहीं चाहते थे, वहीं नफीस और उनकी पत्नी को ये डर सताता है कि उनके न रहने पर इन बच्चियों का क्या होगा.?गरीबी के चलते इलाज न करा पाने के बाद कई बार उन्होंने अधिकारियों के चक्कर भी लगायें, मगर किसी ने उनकी नहीं सुनी।आखिरकार नगर मजिस्ट्रेट के पास फरियाद लेकर पहुंची दोनों बच्चियों की मां की बात सुनकर खुद नगर मजिस्ट्रेट मौके पर पहुंचे। अब उन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया दिया गया, साथ ही उन्हें बेहतर इलाज के लिए आगरा भेजने की कोशिशें हो रही हैं। वहीं नगर मजिस्ट्रेट विवेक कुमार मिश्रा का कहना है कि यह काफी गम्भीर विषय है ,इसमें प्रशासनिक स्तर से जो भी मदद सम्भव है, वह की जाएगी।उन्होंने कहा कि इन बहनों के लिए विकलांगता पेंशन की भी व्यवस्था किए जाने का प्रयास किया जा रहा है।
00000000000000000000000000