खुर्जा(द.ट.)।शुक्रवार को एकेपी इण्टर कॉलेज में दो दिवसीय सामवेद पारायण यज्ञ का दूसरा एवं अंतिम दिन रहा।आर्य वैदिक ध्वनि और पवित्र मंत्रोच्चार के साथ आरंभ हुए यज्ञ में अंतिम दिन पूर्ण आहूति दी गयी।सभी आहूतियां कन्या गुरूकुल सासनी, हाथरस की ब्रहमचारियों द्वारा दिलवायी गयीं।
बता दें कि यज्ञ के द्वितीय दिवस यज्ञ की वेदी पर प्रधानाचार्या शशीबाला यजमान के रूप में मौजूद रहीं। पूर्ण आहूति कन्या गुरूकुल सासनी की आचार्या सुमन एवं ब्रहमचारिणी राधा, ललतेश, दुर्गेश, गार्गी, श्रेष्ठा एवं सुकृति ने पवित्र मंत्रोच्चार के साथ दिलवायीं।यज्ञ के मध्य ब्रहमचारिणियों ने प्रभु भक्ति के भजन भी प्रस्तुत किए, जिनको सुन उपस्थित जन मंत्रमुग्ध हो गए।इस मौके पर कॉलेज प्रबंध समिति के प्रबंधक डॉ0 धीरज सिंह ने बताया कि यज्ञ विश्व में शांति और पर्यावरण शुद्धि के लिए किया गया है।यज्ञ करने के लिये सर्वोत्तम मिलावट रहित गाय का शुद्ध देशी घृत ही है। वैज्ञानिकों ने शोध द्वारा यह सिद्ध कर दिया है कि यदि आप मात्र 6 ग्राम ऐसा शुद्ध देशी घी अग्नि में डालेंगे तो इस एक चम्मच से लगभग 1000 किलोग्राम वायु शुद्ध होती है।इतना ही नहीं यज्ञ की अग्नि में थोड़े से सूखे नीम के पत्ते या निमोलियाँ डालने से मच्छर मर जाते हैं। जिनसे कई प्रकार की बीमारियां फैलती हैं।यज्ञों की भौतिक और आध्यात्मिक महत्ता असाधारण है। भौतिक या आध्यात्मिक जिस क्षेत्र पर भी दृष्टि डालें ,उसी में यज्ञ की महत्वपूर्ण उपयोगिता दृष्टिगोचर होती है।
प्रधानाचार्या ने कहा कि यज्ञ का धुआं आकाश में जाकर बादलों में मिलता है, उससे वर्षा का अभाव दूर होता है, साथ ही यज्ञ धुआं की शक्ति के कारण बादलों में प्राणशक्ति उसी प्रकार भर जाती है ,जिस प्रकार इन्जेक्शन से थोड़ी-सी दवा भी शरीर में प्रवेश करा दी जाये तो उसका प्रभाव सारे शरीर पर पड़ता है।इस मौके पर प्रबंध समिति के घनश्याम दास सक्सेना, नरेन्द्रपाल वाधवा, रामस्वरूप आर्य, रमेशपाल सिंह, दुष्यंत कुमार, संजय वर्मा, रामअवतार सिंह, दीपक आर्य सहित मंजू रानी, राजरानी, रिचा तिवारी, पायल गुप्ता, जितेन्द्री देवी, पुष्पांजलि शर्मा, रीना देवी, नीलम सिंह, रानी ,प्रीति सहित समस्त शिक्षिकाओं एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने यज्ञ में आहूतियां देकर वायुमंडल को शुद्ध किया।