कृषि प्रधान बुलन्दशहर में घट सकता है गेहू का रकबा


बुलन्दशहर(द.ट.)।प्रदेश में कृषि प्रधान जिले के नाम से जाने जाना वाला बुलन्दशहर में इस बार गेहूं उत्पादन कम हो सकता है।इसके पीछे तीन माह से सूखे पड़े माइनर और राजवाहांे के साथ-साथ चीनी मिलों का क्षमता से कम पेराई करना है,साथ ही समितियों द्वारा आवंटन कैलेंडर में छोटे किसानों का कोटा पीछे होना भी बताया गया है।
विगत वर्ष जिले में 1.96 लाख किसानों ने 6 हजार मीट्रिक टन गेहूं उत्पादन किया था,मगर इस आंकड़े को पकड़ना इस बार संभव ही नहीं है। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार 15 नवंबर तक गेहूं की बुवाई का उत्तम समय है, इस अवधि में बुवाई होने से गेहूं का उत्पादन भी बढ़ेगा और रोग मुक्त भी होगा ,लेकिन विगत तीन माह से राजबाहों में पानी नहीं छोड़ा गया ,इसमें किसानों की खाली जमीन की सिंचाई नहीं हो पाई,सिंचाई विभाग ने मंगलवार को पानी छोड़ा है।यदि ऐसे में किसान सप्ताह भर में खेतों का पलेवा करते हैं तो 15 दिन बाद बुवाई संभव होगी, ऐसे में दिसंबर माह तक हो सकेगी। उधर कुछ किसानों के सामने चीनी मिलों की कम पेराई करने का भी परेशानी का सबब बना हुआ है।कोटा निर्धारित करते हुए समितियों ने पर्ची केंद्र पर अधिकांश छोटे किसानों की पर्ची जनवरी माह में आवंटन की गई हैं। ऐसे में जनवरी में गन्ने की फसल से खेत खाली कैसे होंगे और गेंहू की बुवाई का समय निकल जाएगा।
भारतीय किसान यूनियन करेगा धरना प्रदर्शन
भारतीय किसान यूनियन के मंडल अध्यक्ष मांगेराम त्यागी का कहना है कि किसान सिंचाई और चीनी मिलों की नीतियों से काफी परेशान है। पर्चियों को वितरित नही करते है।सप्लाई नहीं होने पर खेत खाली नहीं हो रहे।