बुलन्दशहर (द.ट.)।जिले के मुस्लिम इंटर कॉलेज प्रांगण में सांस्कृतिक एकता दिवस समारोह विविधता में एकता हर्षोल्लास से सम्पन्न हुआ,जिसमें मशहूर शायर डॉ इरशाद मौहम्मद शरर ने शुभारंम्भ करते हुए सांस्कृतिक एकता को प्रमुखता से पेश करने वाली गजल को पेश करते हुए ए मेरे प्यारे वतन ! रूहे चमन गंगों जमन ! तुम पे कुर्वान मेरी जान ! ए मेरे प्यारे वतन !जिसको छात्रों व मेहमानों ने सुनकर काफी सराहना की। इस अवसर पर विधालय के कक्षा 12जी विज्ञान संकाय के छात्र मौहम्मद जीशान ने ये मेरा हिन्दुस्तान सदा आबाद रहेगा गीत प्रस्तुत किया।इसके अतिरिक्त मौहम्मद फाइज ने मुसलमान और हिन्दू की जान ये मेरा प्यारा हिंदुस्तानष् में उसको ढूंढ रहा हूँ।
मौहम्मद वसीम 10जी ने ग्रुप गीत दिल दिया है जान भी देंगे ए वतन तेरे लिए पेश किया, वही कक्षा 12 जी के मानविकी के छात्र मौहम्मद अरसलान ने साम्प्रदायिक सौहार्द विषय पर विचार रखते हुए कहा कि हमारा देश एकता में अनेकता रखने वाला देश है।जैसे अनेक पुष्पों से एक गुलदस्ता बनता है।वैसे ही हिन्दू , मुसलमान, सिख, ईसाई, पारसी, जैन, बौद्ध आदि मिलकर एक सुंदर भारत का निर्माण करते है।इस अवसर पर विधालय के प्रबंधक आफाक उर्रहीम खान ने संबोधित करते हुए कहा कि भारत मे जो भी विदेशी भ्रमण करने आते है, सभी यहाँ के वन, पहाड़, रेगिस्तान, झील, झरने, दोआब, मैदान, एवम भिन्न-भिन्न आकृति, प्रकृति, वेश भूषा, संस्कृति को देखकर आश्चर्य में पड़ जाते हैं और दांतों तले उँगुली दवा लेते है।कुछ विदेशी यात्रियों ने तो इसे एक देश बल्कि अनेक देशों का एक समूह कहा है।वास्तव में हमारे देश में लोग जिस प्रेम, भाईचारे के साथ रहते है। वह विविधता होने पर भी एकता दर्शाता है, जो दुनिया के किसी भी देश में दुर्लभ है। यह मंजर केवल भारत में ही देखने को मिलता है कि दशहरे के मेले में और मुहर्रम के जुलूस में हिन्दू- मुस्लिम एक दूसरे का सहयोग तहेदिल से करते हैं।हकीकत में हिन्दू -मुस्लिम जैसे शब्दों का प्रयोग होना ही नहीं चाहिये ,इसे तो अपनी संस्कृति या हिंदुस्तानी तहजीब कहना चाहिये।इस अवसर पर विधालय के प्रधानाचार्य डॉ जहीर अहमद ने सभी आगन्तुकों का आभार प्रकट करते हुए अपने ख्यालात जाहिर किये।इस अवसर पर विधालय शिक्षक समिति के अध्यक्ष इमरान खान, समिति के सचिव डॉ खुवेदुर्रह्मान खान, क्रीड़ा प्रभारी डॉ गुल मौहम्मद, अनुशासन प्रभारी मौहम्मद खालिद, एवमं कॉलेज के वरिष्ठ लिपिक जर्रार मौहम्मद खान व विधालय परिवार के सभी प्रवक्तागण, शिक्षकगण, कर्मचारीगण, स्कूल के समस्त छात्र व अन्य नगर के सभ्रांत नागरिकगण उपस्थित रहे।
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