प्रशासन ने पहले सुध ली, नही जाएगी राहगीरों की जान


छतारी क्षेत्र में नेशनल हाइवे पर चल रहे आधा दर्जन से अधिक अवैध ढाबे
ढाबे से सामने नेशनल हाईवे पर लग जाती है वाहनों की कतार



 


 



छतारी(द.ट.)।प्रशासनिक अधिकारियों की अनदेखी के चलते सड़क किनारे खुले अवैध ढाबों के सामने सड़क पर शाम ढलते ही वाहनों की लंबी कतार लग जाती है।ऐसे में वाहन चालक की थोड़ी लापरवाही उसकी जान की दुश्मन बन जाती है। ढाबे पर पार्किंग नही होने की वजह से ऐसे हादसे बड़ा रुप ले लेते हैं। अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा आमजन को जान देकर चुकाना पड़ रहा है। सड़क पर खड़े होने वाले वाहनों के खिलाफ परिवहन विभाग द्वारा कोई अभियान नही चलाया गया है।
छतारी क्षेत्र से होकर जाने वाले नेशनल हाइवे 93 अलीगढ़-अनूपशहर रोड़ पर करीब आधा दर्जन से अधिक अवैध ढाबे खुले हुए हैं। ढाबे पर पार्किंग के लिए स्थान नही होने के कारण शाम ढलते ही ट्रक सहित अन्य वाहनों की लंबी कतारें लगना शुरु हो जाती है। जहां पर इस तरह से बड़ी अनहोनी हो जाती है। ऐसे ही हादसा अलीगढ़-अनूपशहर नेशनल हाइवे स्थित छतारी दौराहे के निकट हुआ है। बीते दिनों तड़के बारात से लौट रही मारुती वेन सड़क पर खड़े ट्रक में आ घुसी। सड़क दुर्घटना में तीन लोगों की जान चली गई, जबकि मारुती वेन में सवार चार बरातियों की हालत गम्भीर बनी हुई हैं। हांलाकि पुलिस ने ट्रक नम्बर पर मुकदमा दर्ज करते हुए मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया है।छतारी क्षेत्र में आज तक पिछले प्रशासन सहित परिवहन विभाग द्वारा न तो वाहनों स्वामियों के खिलाफ कोई कार्रवाही हुई और नही प्रशासन की ओर से ढाबे संचालक के खिलाफ पार्किंग को लेकर कार्यवाही की गई।
बिना रिफ्लेक्टर लगे मिल रहा फिटनेस
बढ़ती सड़क दुर्घटना पर अंकुश लगाने के लिए दो साल पहले परिवहन विभाग ने सभी भारी वाहनों के चारों ओर रेडियम का रिफ्लेक्टर लगाना अनिवार्य किया था। इसके बगैर फिटनेस नहीं बनाने का प्रावधान किया गया था। इसके बाद भी बिना रिफ्लेक्टर के भारी वाहन दौड़ रहे हैं।वहीं उनको हर साल फिटनेस प्रमाण पत्र भी मिल जाता है। वाहन मालिक भी होशियार हो गए हैं। रिफ्लेक्टर भले ही न लगवाएं पर बिल जरूर दे देते हैं। रिफ्लेक्टर बिल के आधार पर आरटीओ से बिना वाहनों की जांच किए फिटनेस प्रमाण पत्र दे दिया जाता है।
यातायात व परिवहन विभाग बेपरवाह
सड़क किनारे खड़े वाहनों के खिलाफ कार्रवाई ही नहीं होती ,जिसका फायदा ड्राइवर उठाते हैं। हालांकि कुछ भारी वाहनों के चालक पेट्रोल पंपों व अन्य खाली स्थानों पर भी पार्किंग करते हैं। लेकिन ज्यादातर भारी वाहन सड़कों पर ही खड़े रहते हैं। यातायात विभाग किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं करता। इसी प्रकार सभी वाहनों में रेडियम का रिफ्लेक्टर भी होना चाहिए ,ताकि पीछे से आने वाले वाहन चालकों को गाड़ी नजर आ सके। पर ऐसा भी नहीं हो रहा है।
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