बुलन्दशहर(द.ट.)।रामघाट में जागरण में भाग लेने आए रामायण में राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल ने कहा कि वर्षों से चल रहे राम मंदिर विवाद पर सर्वोच्च न्यायालय ने एक ऐतिहासिक फैसला सुना कर उपहार का रूप दिया है।
रामघाट की पावन भूमि पर गत वर्षो की भांति इस वर्ष भी भाभी जी घर पर हैं, जीजाजी छत पर हैं ,हप्पू की उल्टन पल्टन के लेखक मनोज संतोषी द्वारा कराए गए जागरण में उपस्थित हुए दर्शकों को संबोधित करते हुए रामायण में राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल ने कहा कि कुछ दिनों से गर्मा गर्मी चल रही थी। सभी जानते हैं कि सर्वोच्च न्यायालय ने ऐतिहासिक राम मंदिर पर फैसला सुना कर उपहार का रूप दिया है। यह सबसे अच्छी बात है कि यह फैसला सालों पहले ही आ जाना चाहिए था ,लेकिन चलो देर आए दुरुस्त आए ,इसका सभी समुदाय व सभी धर्म के लोगों ने स्वागत किया है। संयोग से वे बधाई के पात्र हैं और इस कार्यक्रम के लिए उससे पहले यह पता नहीं था कि यहां आने के पहले यह फैसला आ जाएगा।यह भी राम की कृपा है।उन्होंने आज यहां कहा कि इस पवित्र भूमि रामघाट पर आने का मौका मिला।यह सौभाग्य की बात है। उसके लिए मैं इस पवित्र भूमि पर जन्मे मनोज संतोषी और अग्रवाल का आभार प्रकट करता हूं।
गोविंल ने कहा कि इस पवित्र भूमि पर जन्मे मनोज संतोषी यहां से निकलकर मुंबई में जाकर एक ऐसा मुकाम प्राप्त किया ,जिसको पाने के लिए लोग पूरा जीवन लगा देते हैं। एक बहुत अच्छे इंसान लेखक ,संगीतकार हैं।इनके बहुत अच्छे संगीत गीत हैं तथा टीवी सीरियल के नाटक भाभी जी घर पर हैं ,जीजाजी छत पर हैं ,उल्टन पल्टन जैसे अच्छे नाटक लिखे हैं ,जो टीवी पर चल रहे है।ं
उन्होंने कहा कि आप सब ने रामायण में जो प्यार दिया ,सम्मान दिया ,उसके लिए शब्दों में शुक्रिया का बयान नहीं किया जा सकता।रामायण जो पहली बार टीवी पर आई थी ,सन 1986 से 1988 तक यह चलते उसे 36 साल हो गए ,उसका उसी तरह प्यार मेरे ऊपर बरकरार है, उसके लिए परमात्मा ने मेरे ऊपर बड़ी कृपा की है और साथ में राम नाम का जो जुड़ा है ,राम नाम की जो महिमा है ,उसको आप सभी जानते हैं।इस तरह से उस महिमा का बखान किया गया है।उन्होंने कहा कि रामायण दोहा में राम नाम की मणि जिओ भरे जीत ही द्वार तुलसी बाहर भीतर बाहर ही जयौ छियासी उजियार अर्थात इसका मतलब है कि राम नाम की जो मणि है ,उसको अपने जीव के द्वार पर रख ले,जैसे घर की दैहरी पर दीया रखा जाता है ,जो बाहर भी उजाला करता है और अंदर भी करता है ,उसी प्रकार राम नाम की मणि को जीव के द्वार पर रख लेना चाहिए उससे मन के अंदर भी उजाला हो जाएगा और बाहर संसार में भी उजाला हो जाएगा। यह है राम नाम की मणि व यह राम नाम की महिमा।उन्होंने कहा कि रामायण सिखाती है कि परिवार में ,समाज में रिश्ते कैसे होने चाहिए और शत्रु के साथ कैसे रिश्ते होने चाहिए ,हमको रामायण सिखाती है, जब यह बात आती है तो राम के साथ रावण का नाम सर्वोपर होता है ,रावण बहुत विद्वान था ,उससे ज्यादा कोई विद्वान नहीं था ,यह भी कहा जाता है कि अगर उसको मोक्ष प्राप्त करना है तो राम के हाथों द्वारा मरना होगा ,इसीलिए राम से रावण ने शत्रुता की ,मुझे राम मार देंगे तो मेरी मृत्यु हो जाएगी ,जिससे मुझे मोक्ष प्राप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि रामायण से हमें बहुत ज्ञान प्राप्त होता है, उस समय रावण के रथ का पहिये ने तलवार आदि को तहस-नहस कर दिया था और एक पल ऐसा आया, रथ पर चलने वाले उस रावण को भी धरती पर खड़ा होना पड़ा था।
अरुण गोविल ने रामायण में जो डायलॉग दिए थे उनको प्रस्तुत किया
इस मौके पर भाभी जी घर पर हैं, जीजाजी छत छत पर हैं को लेकर मनोज संतोषी ने कहा कि मां की कृपा से जागरण हो रहा है। आप सभी लोगों का प्यार है ,आपके गांव का नाम रोशन हो रहा है। उन्होंने कहा कि जनवरी में टीवी सीरियल आवारा भंवरे आने वाला है, आप सभी लोगों ने जो शांति व्यवस्था बनाए रखी ,उसके लिए सभी धन्यवाद के पात्र हैं।