कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के अधिकारी पत्रकारों के नाम पर खा रहे बिल ,फटेगा पत्रकारों के नाम पर ?
कहां जा रहे है पत्रकारों के नाम पर ढोकला, बर्फी, गुलाब जामुन व काजू कतली ?
एक हादसा होने पर भी सबक नहीं लिया कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के अधिकारियों ने ?
कुरुक्षेत्र (दर्पण टाइम्स)। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड पत्रकारों को मोहरे बना कर खेलता नजर आ रहा है। कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के अधिकारी पत्रकारों के नाम पर मलाई चाट रहे है व इसका लाखों रुपये का बिल पत्रकारों के नाम पर फाड़ा जाएगा। इसी शंका के चलते कुछ पत्रकार बिना कुछ बोले मीडिया सैंटर से दूरी बनाए हुए है। कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के अधिकारी सारा दिन मीडिया सैंटर में खाते नजर आते है,यहां तक की कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के कार्यालय में भी यही नजारा नजर आता है।सारा दिन अधिकारी गर्म चाय के साथ पकौडे व सैंडवीच खाते नजर आते है।पत्रकारों में कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के अधिकारियों ने आपस में छोटे-बडे पत्रकार का भेद-भाव पैदा पर फूट डाल रखी है।यहां तक कि जिला लोक सम्पर्क विभाग के आला अधिकारी भी पत्रकारों में भेदभाव करते नजर आ रहे है। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के पहले ही दिन एक स्थानीय समाचार पत्र के सम्पादक को ठेकेदार द्वारा टारगेट करने की कोशिश की गई। यह हादसा तो टल गया, लेकिन वह मामला सारा दिन गर्मा-गरमाई में निकल गया। वहीं एक अन्य स्थानीय समाचार पत्र के सम्पादक ने जिला लोक सम्पर्क विभाग के एक अधिकारी को चेताया कि यहां पर कोई बड़ा हादसा हो सकता है,इसलिए यह जलपान सेवा तुरंत बंद की जानी चाहिए। इस पर जिला लोक सम्पर्क विभाग के अधिकारी ने उन्हे कहां कि आप यह लिखित में दे दें। अगले ही दिन जब वह सम्पादक डाकघर में इस जलसेवा को बंद करने के लिए उपायुक्त, कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड प्रशासन, व जिला लोक सम्पर्क विभाग को शिकायत पोस्ट करने के लिए डाकघर जा रहा था तो पता चला कि मीडिया सैंटर में एक बड़ा हादसा हो गया है। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के दूसरे ही दिन वहां मीडिया सैंटर में कुछ पत्रकारों में थप्पड़ व मुक्के चल पडे।समस्त मीडिया सैंटर सन्न रह गये। कुछ अधिकारी व उन पत्रकारों के साथी मुंह छिपा कर हंस रहे थे।पत्रकारों का जमकर मखौल उडाया जा रहा था। एक पत्रकार पर मुकदमा दर्ज करवा दिया गया। दोषी पत्रकार को वहां पर इतना मजबूर कर दिया गया कि उसे घटना को अंजाम देना पड़ा। दोषी पत्रकार को वहां पर इतनी जली कटी सुनाई गई कि वह मजबूर हो गया और जो नही होना चाहिए था ,वह हो गया। यह घटना बेहद शर्मनाक थी, लेकिन इस घटना के असली गुनाहगार कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के अधिकारी है, वह पत्रकार तो केवल मोहरा बना है। पत्रकार को एक रात हवालात में व एक रात जिला जेल में काटनी पड़ी। इतना होने के बाद भी कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के अधिकारियों का दिल नही भरा है ओर आज भी किसी और बड़े हादसे की इंतजार में है।
मीडिया सैंटर में केवल पकोडे व सैंडवीच परोसे जा रहे है। मीडिया के नाम पर गुलाब जामुन, पिस्ता बर्फी, काजु कतली व ढोकला किस अधिकारी के घर जा रहे है, यह एक सवाल मीडिया सैंटर में हर किसी के सामने सवाल बना हुआ है। जब कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मीडिया के लिए किए गए टैंडर की कॉपी ऑन-लाईन साईट से निकाली गई तो पता चला कि यहां तो माजरा ही कुछ और है। पत्रकारों को आपस में लडाई करवा कर कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के अधिकारी अपना उल्लू सीधा करने में लगे है। मीडिया के नाम पर गुलाब जामुन, पिस्ता बर्फी, काजु कतली व ढोकला आप खा रहे हैं। बदनाम मीडिया को किया जा रहा है, लेकिन कुछ मीडिया कर्मी भी अपना उल्लू सीधा करने के लिए कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के पिट्ठु बने है, उन्हंे जिला प्रशासन व कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की कोई कमी नजर नही आ रही है। यदि इस तरह ही चलता रहा तो पत्रकारों पर प्रशासनिक अधिकारी अपना अधिकार जमाने में देर नही लगाएगा। यही सब नजारा अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में मीडिया सैंटर में दिखाई दें रहा है।
इसी खबर का बॉक्स यह है
मीडिया पर किए जाने वाले जलपान खर्च का ब्यौरा इस प्रकार है-
500 कप चाय 18 दिन लगातार 57600.00
500 कप कॉफी 18 दिन लगातार 86400.00
500 कप सूप 18 दिन लगातार 86400.00
250 जलपान, पकौड़ा कटलेट, गुलाब जामुन 18 दिन लगातार 135000.00
250 जलपान, पकौड़ा कटलेट, गुलाब जामुन 18 दिन लगातार 135000.00
5 किलोग्राम पिस्ता बर्फी 18 दिन लगातार 25200.00
5 किलोग्राम ढोकला 18 दिन लगातार 14400.00
5 किलोग्राम काजु कतली 18 दिन लगातार 54000.00
20 किलोग्राम पकोड़ा मिक्स 18 दिन लगातार 55800.00
5 किलोग्राम पकोड़ा पनीर 18 दिन लगातार 23400.00
लंच व डिनर 3 से 8 दिंसबर 2019 तक 06 दिन लगातार 283200.00
अन्तर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में पत्रकार, कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मोहरे बने नजर आ रहे!