घरौंडा(द.ट.)।बसताड़ा के ग्रामीणों को बदहाल सड़क व्यवस्था से जुझना पड़ रहा है।बसताड़ा से घरौंडा की तरफ जाने वाली करीब ढाई किलोमीटर लंबी सड़क खस्ताहाल में है।सड़क का निर्माण बीते करीब आठ माह से अधूरा पड़ा है। सड़क का लगभग एक किलोमीटर का हिस्सा बना दिया है लेकिन डेढ़ किलोमीटर लंबी सड़क पर रोड़े बिखरे पड़े है, जो बड़े वाहन चालकों के साथ-साथ दुपहिया वाहनों के लिए किसी बड़ी मुसीबत से कम नहीं है। सड़क पत्थरीली होने के कारण अक्सर दुपहिया वाहन फिसल जाते है और बाइक चालक चोटिल हो जाते है। ग्राम पंचायत और ग्रामीण इस सड़क के निर्माण को लेकर कई बार स्थानीय विधायक व अधिकारियों से गुहार लगा चुके है लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है।
बसताड़ा से घरौंडा साईं मंदिर की तरफ बनने वाले सड़क के इस ढाई किलोमीटर के टुकड़ें पर मार्किटिंग बोर्ड लगभग एक करोड़ की राशि खर्च करेगा। सड़क 18 फुट चौड़ी बनाई जा रही है। ठेकेदार ने सड़क का कुछ हिस्सा तो बना दिया लेकिन आधा से ज्यादा हिस्सा यूं ही छोड़ दिया। अब सड़क पर रोड़े और पत्थर बिखरे पड़े है और सड़क के दोनों साइडों के किनारे भी कमजोर है। यदि एक समय में दो बड़े वाहन इस सड़क से गुजरते है तो एक दूसरे को साइड देने के कारण हादसे का शिकार हो सकते है।
इस सड़क पर रेंगते है वाहन
ग्रामीण प्रवीन कुमार का कहना है कि सड़क के कुछ हिस्से पर तो वाहन तेज गति से चलते है लेकिन जब सड़क का खराब हिस्सा आता है तो वाहनों की रफ्तार कछुए की चाल पर आ जाती है। सड़क का निर्माण कार्य कई महीनों से रूका पड़ा है लेकिन कोई ध्यान हीं नहीं दे रहा।
होती हैं दिक्कतें
स्थानीय निवासी राजिंद्र बसताड़ा का कहना है कि घरौंडा से बसताड़ा आने वाले लोगों के लिए यह रास्ता बहुत ही छोटा है और पहुंचनें में भी कम समय लगता है लेकिन खराब सड़क के कारण वाहन चालकों को भारी परेशानियां हो रही है।
तय करना पड़ता है लंबा रूट
ग्रामीण मनीष कुमार का कहना है कि घरौंडा साईं मंदिर की तरफ से आने वाली इस सड़क पर आने में काफी टाईम लगता है। यदि जीटी रोड की तरफ से गांव पहुंचते है तो वहां से पहुंचनें में काफी समय लग जाता है और रास्ता भी लंबा पड़ता है। कई बार पंचायत को कहा गया है लेकिन कोई सुनवाई ही नहीं कर रहा है।
हो जाते है चोटिल
स्थानीय निवासी सुरेंद्र सिंह का कहना है कि कुछ दूरी तक को बाइक रफ्तार से आती है लेकिन अचानक सड़क खराब आने से मोटरसाईकिल का संतुलन बिगड़ जाता है। पत्थर ही पत्थर बिखरे हुए है। जब तक सड़क नहीं बनती कम से कम इन पत्थरों पर रोड रोलर चलवाकर रास्ता सामान्य करवाया जा सकता है लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा।गांव बसताड़ा के सरपंच मेवा सिंह का कहना है कि सड़क आधी अधूरी पड़ी है। ठेकेदार दो-तीन मजदूरों से काम करवाता है और खानापूर्ति करके चला जाता है। आठ महीनें से यहीं हो रहा है। सड़क पूरा होने का नाम हीं नहीं ले रही। ठेकेदार की लापरवाही है, काम में पूरी तरह से ढिलाई बरती जा रही है। जिससे वाहन चालक परेशान है।
बसताड़ा से घरौंडा तक 18 फुट चौड़ी और ढाई किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण किया जा रहा है। जिस ठेकेदार को टेंडर दिया था वह टेंडर छोड़कर चला गया है। दोबारा टेंडर करवाया गया था। एक किलोमीटर लंबी सड़क बन चुकी है। डेढ किलोमीटर का काम सर्दियों के बाद किया जाएगा, क्योंकि सर्दी में कार्पेटिंग का कार्य नहीं हो सकता। -राजन पंवार, जेई मार्किटिंग बोर्ड