घरौंडा(दर्पण टाइम्स)।भारतीय किसान यूनियन ने पराली जलाने के नाम पर किसानों को दंडित करने के तरीके पर रोष जताया है। भाकियू का कहना है कि किसान द्वारा ज्यादा पैदावार के बावजूद भी किसान कर्ज में दबते जा रहा है और सरकार नए-नए तरीके अपनाकर किसानों को दंडित करने का काम कर रही है। अब पराली जलाने के बहाने बनाकर किसानों पर जुर्माना लगाया जा रहा है और केस दर्ज किया जा रहा है। जो किसानों के साथ अन्याय है। इन मुकदमों को वापिस लिया जाए, अन्यथा भाकियू आंदोलन से भी पीछे नहीं हटेगी।
भाकियू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सेवा सिंह आर्य ने घरौंडा हर्बल पार्क में वीरवार को हुई मासिक बैठक में किसानों की समस्याओं और मुद्दों को उठाया। उन्होंने कहा कि पिछले 70 सालों से किसानों के साथ अन्याय होता आया है। किसानों को आजतक उनकी फसलों का उचित मूल्य तक नहीं दिया गया। उन्होंने अपनी मांगों का जिर्क करते हुए कहा कि गेहूं का भाव 2500 रुपए प्रति क्विंटल दिया जाए। गन्ने का भाव 400 रुपए प्रति क्विंटल किया जाए। पराली जलाने पर बनाए गए केसों व जुर्माने को वापिस लिया जाए। किसानों को बढ़ावा पेंशन 5100 रुपए दी जाए। किसानों का कर्ज माफ किया जाए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार उनकी मांगों और समस्याओं पर ध्यान नही देती है तो मजबूरन किसानों को सड़कों पर उतरना पड़ेगा।इस मौके पर पूर्व प्रधान जयसिंह, समेर सिंह, राजपाल, रणसिंह कैमला, जयसिंह, रामसरूप, बलधीर सिंह, तेलुराम, बलबीर सिंह व अन्य मौजूद रहे।