मानवीय मूल्य व्यवसायिक नैतिकता की शिक्षा ऋषि वाङ्मय प्रदान करता है--उमानंद शर्मा
लखनऊ(दर्पण टाइम्स)।गायत्री ज्ञान मंदिर इंदिरा नगर, लखनऊ के विचार क्रान्ति ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत इंस्टीट्यूट ऑफ पैरा मेडिकल साइंस केजीएमयू लखनऊ के केन्द्रीय पुस्तकालय में गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं0 श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित सम्पूर्ण 79 खण्डों का वांड़मय साहित्य की स्थापित किया गया।यह वाङ्मय साहित्य गायत्री परिवार रचनात्मक ट्रस्ट, गायत्री ज्ञान मंदिर इन्दिरा नगर के सक्रिय कार्यकर्ता ऊषा सिंह ने लोककल्याण के लिये ज्ञानदान के रूप में संस्थान के पुस्तकालय को भेंट किया।उदयभान सिंह भदौरिया ने सभी छात्र-छात्राओं को पाकेट बुक सफल जीवन की दिशा धारा तथा चिकित्सकों को अखण्ड ज्योति पत्रिका उमानंद शर्मा द्वारा भेंट की गयी।इस अवसर पर वाङ्मय स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा वाङ्मय साहित्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पूर्वजों मानवीय मूल्य व्यवसायिक नैतिकता की शिक्षा ऋषि वाङ्मय प्रदान करता है। ज्ञानदान ही युग धर्म है इसमें प्रत्येक प्रत्येक जीवन जागृत आत्माओं को बढ़चढ़ कर भाग लेना चाहिये। इस अवसर पर डॉ.नरेन्द्र देव छात्र-छात्राओं को निरोगी जीवन के ऋषि सूत्र दिये। सिडबी बैंक के पूर्व डीजीएम पीडी सारस्वत ने भी जीवन लाईफ साइंस के विषय पर अपने विचार रखे।इस अवसर पर वाङ्मय स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा,उदयभान सिंह, डॉ. नरेन्द्र देव, ऊषा सिंह, पीडी सारस्वत, उदयभान सिंह भदौरिया, डॉ. विवेक गुप्ता, दुर्गा के साथ संकाय सदस्य एवं छात्र-छात्रायें मौजूद रहे।
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