गायत्री ज्ञान मंदिर के ज्ञान यज्ञ अभियानान्तर्गत में 330वां युगऋषि सम्पूर्ण वाङ्मय साहित्य की स्थापना


630 छात्र-छात्रायें ऋषि साहित्य से लाभान्वित होगें।
ज्ञान यज्ञ इस युग का युगधर्म है--उमानंद शर्मा



 


 


 


 



बुलन्दशहर(द.ट.)।गायत्री ज्ञान मंदिर इंदिरा नगर के विचार क्रान्ति ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत न्यू एरा गर्ल्स इण्टर कॉलेज भरतनगर, सीतापुर रोड, लखनऊ के केन्द्रीय पुस्तकालय में गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित सम्पूर्ण 79 खण्डों का वांड़मय साहित्य की स्थापित किया गया। यह वाङ्मय साहित्य गायत्री परिवार रचनात्मक ट्रस्ट, गायत्री ज्ञान मंदिर के सक्रिय कार्यकर्ता कुसुम श्रीवास्तव ने अपने माता-पिता (स्व. लक्ष्मी श्रीवास्तव एवं बृज बहादुर श्रीवास्तव) की स्मृति में संस्थान के पुस्तकालय को तथा सभी छात्र-छात्राओं एवं शिक्षक-शिक्षिकाओं को युग निर्माण योजना पत्रिका भेंट की गयी। इस अवसर पर उनके पति नवीन चन्द्र श्रीवास्तव भी मौजूद थे।
इस अवसर पर वाङ्मय स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा वाङ्मय साहित्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ज्ञानयज्ञ ही इस युग का युगधर्म है, इसमें सभी को भागीदारी करना चाहिये।इस अवसर पर डॉ.नरेन्द्र देव छात्र-छात्राओं को निरोगी जीवन के ऋषि सूत्र दिये एवं कुसुम श्रीवास्वत, संस्थान के निदेशक ए.के. बधावन ने भी अपने विचार रखे तथा प्रधानाचार्या नीता सहगल ने धन्यवाद व्यक्त किया।इस अवसर पर वाङ्मय स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा, डॉ. नरेन्द्र देव, अनिल भटनागर, कुसुम श्रीवास्तव, नवीन चन्द्र श्रीवास्तव, संस्थान के निदेशक ए.के. बधावन, सिद्वान्त बधावन, सीमा बधावन, संस्थान की प्रधानाचार्या नीता सहगल के साथ सहित शिक्षक-शिक्षिकायें एवं छात्र-छात्रायें मौजूद थे।
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