ग्राम प्रधान लोकतंत्र की प्रथम कड़ी है,जिले के विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है-रविन्द्र कुमार
पराली को जलाने के स्थान पर उसे खाद के रूप में परिवर्तित करें-डीएम
बुलन्दषहर (द.ट.)।।पुलिस लाइन सभागार में जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार की अध्यक्षता में आयोजित जनपद के समस्त ग्राम प्रधानों की बैठक में उनके द्वारा ग्राम प्रधानों की समस्याओं को सुनते हुए उनके निस्तारण के आदेष संबंधित विभागों के अधिकारियों को देते हुए कहा कि ग्राम प्रधान लोकतंत्र की प्रथम कड़ी हैं और जनपद के विकास में उनकी एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
ग्राम प्रधानों द्वारा प्रस्तुत की गयीं समस्याओं के निस्तारण में सर्वप्रथम जनपद में पराली जलाये जाने के प्रकरण पर की गयी कार्यवाहियों के संबंध में जिलाधिकारी ने कहा कि न्यायालय के आदेषों के अन्तर्गत प्रदूषण से बचने के लिये पराली जलाये जाने पर रोक के आदेश हैं। पराली जलाये जाने से जन जीवन को खतरा उत्पन्न होता है ,इसी को दृष्टिगत रखते हुए पराली जलाये जाने वालों के विरूद्ध जनपद में कर्मचारियों एवं संबंधित किसानों के विरूद्ध निष्पक्षता के साथ कार्यवाही की गयी हैं।उन्होने सुझाव देते हुए कहा कि पराली को जलाने के स्थान पर उसे खाद के रूप में परिवर्तित किये जाने से भूमि की उर्बरा शक्ति बढेगी और वातावरण प्रदूषण से मुक्त रहेगा। जिलाधिकारी द्वारा यह भी कहा कि प्रदूषण फैलाने वाली कई औद्यौगिक इकाईयों के विरूद्ध भी कार्यवाही करते हुए उन्हे सीज किया गया है।
जिलाधिकारी ने गौषाला संचाचन के संबंध में कहा कि शासन के निर्देशों के अनुसार गौशालाओं का संचालन ग्राम पंचायतों द्वारा किया जा रहा है और ग्राम प्रधानों द्वारा गौवंशों के भरण पोषण पर हुए व्यय की प्रतिपूर्ति शासन द्वारा की जाती है। भरण पोषण की धनराशि ग्राम पंचायतों को प्रेषित की गयी है और शेष धनराशि की मांग शासन से की गयी है, जिसे प्राप्त होते ही ग्राम पंचायतों को उपलब्ध करा दी जाएगी।उन्हांेने यह भी स्पष्ट किया कि इस धनराशि का व्यय गौशाला निर्माण आदि पर नहीं किया जा सकता है।उन्होने कहा कि गौशाला संचालन की पूर्ण जिम्मेदारी ग्राम पंचायत की निर्धारित है। अतः शेष व्यवस्थाएं ग्राम पंचायतों के स्तर से की जाएगीं। उन्होने कहा कि जनपद में बहुत से प्रधानों द्वारा गौशाला का संचालन बेहतर रूप में किया जा रहा है।
जिलाधिकारी ने शौचालय निर्माण में की गयीं अनियमितताओं पर जांच में दोषी पाये जाने पर ग्राम प्रधान एवं संबंधित विभाग के कर्मचारियों के विरूद्ध समान कार्यवाही की गयी है। उन्होने ग्राम प्रधानों के विरूद्ध की गयी शिकायतों के संबंध में 10शपथ पत्र प्राप्त होने पर ही जांच कराये जाने के आदेश दिये। उन्होने ग्राम में ग्राम समाज की जमीन पर अवैध कब्जों की शिकायतों को गम्भीरता से लेते हुए संबंधित ग्राम के लेखपाल की जिम्मेदारी की निर्धारित करते हुए निर्देश देते हुए जमीन को कब्जामुक्त कराये जाने के आदेश दिये गये। जिलाधिकारी ने नाली,खडंजा, सफाई आदि विकास कार्यो को पूर्ण किये जाने के आदेष भी ग्राम प्रधानों को दिये। गांवों में प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकविहीन विद्यालयों में शिक्षक तैनात किये जाने एवं मिड-डे-मील वितरण की बेहतर व्यवस्था करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये। जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में हुयी ओलावृष्टि एवं वर्षा से हुए फसल नुकसान की भरपाई हेतु लेखपाल एवं कृषि विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के माध्यम से सर्वे कराकर रिपोर्ट प्राप्त होने पर नियमानुसार आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।जिलाधिकारी ने जनपद के समस्त विकास खण्डों के गांव के प्रधानों द्वारा प्रस्तुत की गयीं सामूहिक समस्याओं को गम्भीरता से लेते हुए उनके निस्तारण के आदेश संबंधित अधिकारियों को देते हुए कहा कि ग्राम प्रधान अपने गांव का विकास सुनिश्चित करेें तथा अपने-अपने गांव के सार्वजनिक हित के विकास कार्यो को जीपीडीपी में शामिल करें।बैठक में उपस्थित एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने ग्राम प्रधानों से कहा कि गांव स्तर पर कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये अपना सहयोग प्रदान करें। बैठक में दोनों अपर जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, तीनों पुलिस अधीक्षक एवं समस्त उपजिलाधिकारी तथा क्षेत्राधिकारी सहित अन्य विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी एवं जनपद के भारी संख्या में ग्राम प्रधान मौजूद रहे।
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