यदि लेखपालों के हड़ताल पर जाने पर कार्य वाधित होता है तो उनके विरूद्ध कार्यवाही की जाये- रविन्द्र कुमार
बुलन्दशहर (द.ट.)।उत्तर प्रदेश में लेखपालांे की चल रही हड़ताल को शासन द्वारा अत्यावश्यक सेवायंे मानते हुए, हड़ताल को निषिद्ध किये जाने के आदेश दिये गयें हैं।आदेश के अनुपालन में जिला प्रशासन द्वारा समस्त उपजिलाधिकारियांे को निर्देशित किया गया है कि जनपद में लेखपाल किसी भी प्रकार का धरना प्रर्दशन न कर पायंे और किसी भी प्रकार से सरकारी कार्य को बाधित न कर पायंे, इसकी पूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाये।इसके बावजूद भी यदि कोई लेखपाल इन कार्यवाहियांे में लिप्त पाया जाता है तो उनके विरूद्ध शासन के निर्देशों के अनुरूप सख्त कार्यवाही की जाये।उन्हांेनंे यह भी कहा है कि कोई भी लेखपाल किसी अन्य विभाग के कार्यांे में भी बाधा उत्पन्न न कर पायंे।
शासन के आदेशांे के विपरीत अगर कोई लेखपाल सरकारी कार्य से विरत् रहते हैं तो वहां ''नो वर्क नो पे'' के सिद्धांत का उपयोग करते हुए, उनकी इस गैर-कानूनी अनुपस्थिति को उनकी सेवा में ''ब्रेक इन सर्विस'' मानते हुए कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। उन्हांेने यह भी कहा है कि कोई कर्मी व लेेखपाल कार्य करना चाहता है तो किसी भी दशा में उसे रोका न जाये।उन्हांेनंे उपजिलाधिकारियांे को यह भी निर्देशित किया है कि इस हड़ताल व धरने से किसी सरकारी सम्पत्ति को क्षति न होने पाये, इसकी सभी व्यवस्थायंे सुनिश्चित की जायें। तहसील में सम्पादित जनता के लिये अति-आवश्यक कार्य जैसे जनगणना एवं अन्य शासकीय कार्यों मंे किसी भी प्रकार का विघ्न पैदा न होने पाये।
लेखपालों की हड़ताल को निषिद्ध माना जाये एवं धरना न होने पाये-डीएम