एसएसपी से मिलकर सुनाई आपबीती एवं पुलिस की करतूत
शिकारपुर कोतवाली में भेजा जाता है विशेष स्टाफ
कोतवाली के दरोगा करते हैं महिलाओं,युवतियों से अभद्रता एवं पीडि़त पक्ष की कोई सुनवाई नहंी करते
दरोगाओं द्वारा जांच करने पर दरोगाओं की भी बल्ले-बल्ले एवं आरोपी पक्ष की भी बल्ले-बल्ले
बुलन्दशहर(द.ट.)।मंगलवार को नाबालिग पीडि़ता ने परिजनों संग पहंुचकर सम्पूर्ण समाधान दिवस में आये एसएसपी से अपना दुखड़ा रोते हुये न्याय की गुहार लगाई। इस पर एसएसपी ने कोतवाली प्रभारी को रिपोर्ट दर्ज तत्काल कार्यवाही करने के लिये और दरोगा की लापरवाही के लिये जांच करने तथा दरोगा के दोषी पाए जाने पर उसके विरूद्ध कार्यवाही करने के आदेश दिये।दूसरी ओर ग्राम मानपुर रामपुर में हमलावरों द्वारा किये गये प्राण घातक हमले में एव करेना केस में भी पुिलस की भूमिका संदिग्ध बताई गयी है।
बता दें कि शिकारपुर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी नाबालिग किशोरी से छेड़छाड़ का मामला सामने उस समय आया, जब किशोरी रविवार को कोतवाली में अपनी शिकायत लेकर परिजनों संग पहुँची तो थाने में बैठे एक दबंग दरोगा को जैसे ही उसने अपनी दास्तां बतानी चाही कि दरोगा साहेब शिकायत सुनने से पूर्व ही पीडि़ता सहित परिजनों पर आग बबूला होकर धमकाने लगे और इतना ही नहंी बल्कि दरोगा जी ने इस कदर धमकाया कि पीडि़ता वहीं फफक फफक कर रोने लगी।यह सब नजारा किसी ने कैमरे में कैद कर लिया, जिसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।उधर दरोगा साहेब ने पीडि़ता की कोई रिपोर्ट दर्ज नही की,बल्कि फटकार कर भगा दिया। पीडि़ता रिपोर्ट लिखाने के लिये इधर-उधर भटकती रही, मगर पीडि़ता को न्याय नहीं मिला।उधर शिकारपुर कोतवाली प्रभारी को जब मामले की जानकारी हुई तो उन्होंने भी मामले में चुप्पी साध ली।मंगलवार को शिकारपुर तहसील में आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस में परिजन पीडि़ता को लेकर एसएसपी साहेब के सामने पहंुचे और पीडि़ता को लेकर पेश किया।जहां इत्मिनान से उन्होंने पीडि़ता की दास्तां सुनी और मामले में तत्काल रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी के विरूद्ध कार्यवाही करने के आदेश दिये।एसएसपी महोदय ने आदेश तो कर दिया,अब देखना यह कि इस पर कब तक कार्यवाही होती है।
यहां यह भी बताना आवश्यक है कि शिकारपुर कोतवाली का यह रवैया पहली बार नहंी देखने को मिला,यहां हर तीसरे केस में यही नजारा देखने को मिलता है,जिनमें कुछ महत्वपूर्ण अंश इस प्रकार है-
प्रथम नजारा कोतवाली क्षेत्र के ग्राम मानपुर रामपुर का है,जहां आधा दर्जन से अधिक महिलाओं व पुरूषों ने एक राय होकर गांव के ही नरेश चंद के बेटे दीपू पर प्राण घातक हमला कर दिया और उसे खूब पीटा।जब वह जान बचानक घर पहंुचा और उसने अंदर से मुख्य दरवाजे को बंद कर लिया,लेकिन हमलावरों के अंदर प्रतिरोध की अग्नि शांत नहीं हुई।उन्होंने मुख्य दरवाजे पर आकर पहले गंदी गंदी गालियां दी और उसके बाद सभी ने मिलकर दरवाजा तोड़ दिया तथा घर में घुसकर लाठी,डंडों, सरिया से प्राणघातक हमला कर दिया।बीच बचाव में आये घायल के भाई,पिता-माता को जमकर पीटा।जब घायल दीपू की मां ने देखा कि हमलावर सिर पर ईटों से प्रहार कर रहे है तो वह दौड़कर आई और बेटे को बचाने को उसके सिर को ढक लिया।हमलावर इतने आक्रोशित थे कि उन्होंने उसकी मां को भी नहीं छोड़ा,उसे पीटा और उसके कपड़े फाड़कर उसे धक्का देकर घायल युवक पर ईटों से प्रहार कर अधमरा कर दिया।जब हमलावरो ने देखा कि युवक बेहोश है तो वे मरा समझकर भाग गये।
इस पूरी कहानी मे ंभी कोतवाली पुलिस की भूमिका संदिग्ध रही।पुिलस ने पीडि़त पक्ष की कोई रिपोर्ट नहंी लिखी और मामले को दबाने के लिये मात्र दो लोगों का 151 में चालान कर मुकदमे की इतिश्री कर दी।लोगों में चर्चा है कि दरोगा साहेब की यहां भी खूब बल्ले-बल्ले हुई,जहां आरोपी पक्ष से लाखों की रकम डकार कर उन्हें क्लीन चिट दे दी और पीडि़त पक्ष यहां भी इधर उधर ही भटक रहा है,आज तक उसे न्याय नहीं मिला है।दूसरी करेना गांव में फांसी पर लटके मिले युवक पर इतने झूठे मुकदमे ठोके कि वह मुकदमों का बोझ सहन करने से पहले ही चल बसा,इसमें भी थाना पुिलस की भूमिका संदिग्ध बताई गयी है।इसके अलाबा क्षेत्र के अनगिनत मामले है,जिनमें पीडि़त पक्ष को ही पुलिस का दंश झेलना पड़ता है,मगर कप्तान साहेब शिकारपुर पुलिस का कोई इलाज नहीं,यदि समय रहते पीडि़तों को न्याय नहीं मिला तो आज आम जनता इतनी उग्र है कि थाना पुलिस को इसका परिणाम भी झेलना पड़ सकता है।
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