प्राइवेट स्कूलों की गाडि़यां स्कूली बच्चों को भूसे की तरह लाते हैं भरकर, प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहंी


स्कूल संचालक ट्रांसपोर्ट के नाम पर वसूलते है अनाप सनाप पैसा



 


 


 



डिबाई(द.ट.)।नगर में संचालित प्राइवेट स्कूलों का कारोबार कुछ इस तरह है कि स्कूली बच्चों को लाने ले जाने के लिए जो गाडि़यां लगाई गई है, स्कूल संचालकों ने उनका भी व्यापार बना रखा है।ज्यादातर गाडि़यों में यह देखने को मिलता है कि स्कूली गाड़ी में सीटों से ज्यादा बच्चे होते हैं, जो भूस की तरह भरे हुए होते हैं।बच्चों के माता-पिता से स्कूल में सर्विस के नाम पर मनचाही वसूली की जाती है एवं बच्चों के माता-पिता की जेबों पर डाका डाला जाता है। बच्चों से ट्रांसपोर्ट फीस लगभग 300 से 600 रूपये तक वसूली जाती है और ट्रांसपोर्ट गाडि़यां बच्चों को भूसे की तरह भरकर स्कूलों तक पहुंचाने एवं लाने का कार्य करती हैं।बहुत से प्राइवेट स्कूलों में गाडि़यों में गैस किट भी लगी हुई है, जोकि बच्चों के लिए हानिकारक है। अगर प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो किसी दिन कोई बड़ा हादसा हो सकता है।बच्चों के माता-पिता ने बताया कि स्कूल ट्रांसपोर्ट गाडि़यों में 15 से 20 बच्चों को इस तरह गाडि़यों में भरकर ले जाया जाता है जैसे कि किसी गाड़ी में भूसे को भरकर ले जाया जाता है,मगर प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं हेै।